गृह प्रवेश करते समय कुंभ चक्र के अनुसार नक्षत्रो कि व्यवस्था शुद्ध मुहूर्त कि प्राप्ति देता है।
सूर्य संक्रांति के नक्षत्र से दिन नक्षत्र तक गिनकर निम्नलिखित जानना चाहिए ।
गृहप्रवेशे कुम्भचक्रम् सूर्यभाद्दिनभं यावद् गणयेत्सुविचक्षणः ।
गृहप्रवेशे च फलं कुम्भचक्रस्य निम्नतः ।।
1 नक्षत्र कुंभ के मुख पर स्थापित करें। अशुभ फल
इस दिन गृह प्रवेश करने से अग्नि से जलने कि संभावना रहती है मुखे
4 नक्षत्र कुंभ के पूर्व दिशा में स्थापित करें। अशुभ फल
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से शून्य फल मिलता है।
4 नक्षत्र कुंभ के दक्षिण में स्थापित करें। शुभ फलदायक
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से बहुत लाभ मिलता है।
4 नक्षत्र कुंभ के पश्चिम में स्थापित करें। शुभ फलदायक
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से धन लाभ , लक्ष्मी कि प्राप्ति होती है।
4 नक्षत्र कुंभ के उत्तर में स्थापित करें। अशुभ फल
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से घर में कलह बढ़ती है।
4 नक्षत्र कुंभ के गर्भ पर स्थापित करें ।अशुभ फल
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से घर में कलह बढ़ती है तथा सुखों का नाश होता है।
3 नक्षत्र कुंभ के गुदा क्षेत्र पर स्थापित करें । शुभ फलदायक
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से घर के सदस्यों में स्थिरता में वृद्धि होती है।
3 नक्षत्र कुंभ के कण्ठन क्षेत्र में स्थापित करें।शुभ फलदायक
इन दिनों में गृह प्रवेश करने से घर के सदस्यों में स्थिरता में वृद्धि होती है।
गृह प्रवेश करते समय अन्य विषयों पर अनदेखी हो सकती है लेकिन कुंभ चक्र की अनदेखी करना मुहूर्त नियम के विरुद्ध है मुहूर्त में अन्य विषयों की कमी होने पर इतना दुखदाई नहीं होता जितना कुंभ चक्कर की अनदेखी करना होता है मुख्य रूप से मुहूर्त के परिणाम को साक्षात्कार करने वाली इस विधि को गृह प्रवेश मुहूर्त में अवश्य अपनाना चाहिए।
