नव देवालय निर्माण मुहूर्त ।

नव देवालय निर्माण मुहूर्त का प्रयोजन है जब नये देवालय का र्निमाण कि शुरुवात कि जाती है तब भवन कि तरह ही नीव तथा अन्य विषयो पर विचार किया जाता है इसके लिए भवन से अलग नक्षत्रों पर विचार किया जाता है।

  • भूमि शयन अवस्था विचार:-
  • मास विचार :-
  • चन्द्रमा विचार :-
  • लग्न शुद्धि :-
  • वार विचार :-
  • तिथि विचार :-
  • भद्रा विचार :-
  • नींव दिशा विचार :-
  • वृषभ चक्र विचार:-
  • नव निर्माण मे सूर्य संक्रांति विचार:-
  • देवालयारंभ आरम्भ मे आयु विचार:-
  • ग्रह अस्तोदय विचार :-

नव निर्माण देव भवन को शुरू करने से पहले मुहूर्त के इन मुख्य बिंदुओं पर विचार जरूर करें।

इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।

मुहूर्त निकलवाने के लिए यह फार्म भरे।