कोल्हू का मुहूर्त।

कोल्हू चलाने के मुहूर्त का प्रयोजन गन्ने कि फसल पकने के बाद उसका रस निकालने के लिए तथा अनाजों का तेल निकालने के कोल्हू के प्रयोग कि शुरुआत कि जाती है। इस कार्य को शुरू करने के लिए  प्राचीन काल से ही नक्षत्रों कि स्थिति का प्रयोग किया जाता है। और नक्षत्रों के अनुसार ही मुहूर्त निकाला जाता है।ं

चंद्रमा विचार:- ४,६,८,१२वां नहीं होना चाहिए।

शुभ तिथि:- रिक्ता(4,9,14)अमावस्या को छोड़कर सभी तिथि शुभ हैं।

चर लग्न शुभ फल दायी हैं।

शुभवार:- मंगलवार, शनिवार निषेध हैं।

  • लग्न शुद्धि, चंद्रमा शुद्धि परम आवश्यक है।
  • तिथि,वार, चंद्रमा, लग्न विचार करके कोल्हू चक्र से नक्षत्रों कि शुद्धि करने से मुहूर्त सिद्ध होता है।
  • कोल्हू नक्षत्र चक्र का प्रयोग नक्षत्रों कि शुद्धिकरण करता है इस लिए इस विधि का प्रयोग अनिवार्य है।
  • सूर्य नक्षत्र से गिरकर
  • 1 से 4 नक्षत्र तक लक्ष्मी की प्राप्ति।
  • 5 से 6 नक्षत्र तक हानि।
  • 7 से 8 नक्षत्र तक सर्व लाभ।
  • 9 वां नक्षत्र क्षय।
  • 10 से 14 नक्षत्र तक मृत्यु तुल्य कष्ट।
  • 15 से 19 नक्षत्र तक शुभ फल दायक।
  • 20 से 21 नक्षत्र तक पीड़ादायक।
  • 22 से 27 नक्षत्र तक घन का नाश।

इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।

मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-