धान रोपण मुहूर्त।

धान रोपण मुहूर्त का प्रयोजन है पौध तैयार होने के बाद उचित समय पर धान कि रोपाई करना जिससे फ़सल के अच्छे परिणाम लिए जा सके।

धान कि रोपाई खेत में पानी को इकट्ठा करके जरूरत के अनुसार दल दल बनाया जाता है चांवल को विकसित होने के लिए ज्यादा नमी कि जरूरत होती है।

धान रोपाई से पहले इस कि पौध तैयार कि जाती है उसके लिए भी इन्हीं नक्षत्रों का प्रयोग किया जाता है।

चंद्रमा विचार:- ४,६,८,१२वां नहीं होना चाहिए।

घान रोपण में शुभ नक्षत्र:- हस्त,चित्रा,स्वाती, उत्तरा फाल्गुनी  उत्तरषाढ़ा , उत्तरा भाद्रपद, मूल घनिष्ठा, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य,अश्विनी, अनुराधा, मघा।

शुभ मास ज्येष्ठ तथा वैसाख, आषाढ़।

शुभ वार:- रविवार ,सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार ,शुक्रवार ।

शुभ तिथि:– १,२,३,५,६,७,८,१०,११,१२,१३,१५।

वर्जित तिथि:- ४,९,१४,ओर अमावस्या तिथि निषेध।

इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।

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