निजी सलाहकार तथा सेवक रखने के मुहूर्त का प्रयोजन है कि व्यक्ति अपने कार्य के लिए निजी सलाहकार अथवा सेवक रखने के लिए उचित समय का चुनाव करना।
इस शुभ मुहूर्त का प्रयोग अपने प्रतिष्ठान पर कारीगर, औषधालय में चिकित्सक तथा प्रतिष्ठान में निरीक्षक को रखने के लिए भी कर सकते हैं।
सेवक रखने या नौकरी शुरू करने से पहले इन बातों पर विचार जरूर करना चाहिए।
योनि विचार, मित्र राशि, जन्म दिनांक मित्रता, सेवक का नक्षत्र स्वामी के नक्षत्र से दूसरे स्थान पर ना हो।
जैसे सेवक का नक्षत्र अश्वनी है तो स्वामी का नक्षत्र भरणी ना हो।
चंद्रमां विचार :- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए। चंद्रमा का विचार दोनो कि राशि से किया जाता है।
शुभ नक्षत्र :- अश्वनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा ,अनुराधा ,रेवती ।
शुभ वार :- बुधवार ,गुरुवार ,शुक्रवार और रविवार।
तिथि विचार :- रिक्ता( ४,९,१४,) तिथि तथा अमावस्या ,श्राद्ध ,होलाष्टक, सावड़, सूतक , मासिक धर्म अवस्था वाले दिन नही रखना चाहिए।

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