ज्योतिष कक्षा – 13 मास परिचय
चंद्रमा के एक राशिचक्र के भ्रमण कि अवधि को मास कहा गया है। चंद्र मास कि अवधि 27 दिन की…
चंद्रमा के एक राशिचक्र के भ्रमण कि अवधि को मास कहा गया है। चंद्र मास कि अवधि 27 दिन की…
उपचारीय ज्योतिष में व्यक्ति कि जन्म कुंडली में जो नक्षत्र पीड़ीत होता है उस नक्षत्र कि पुजा करने का विधान…
नक्षत्रं के चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण का स्वामी एक ग्रह होता है।और 27 नक्षत्रो के चरणों कि…
मनुष्य जीवन पर नक्षत्र का विशेष प्रभाव होता है नक्षत्र चरण से व्यक्ति के नामकरण किया जाता है और उसका…
पंचक शब्द का शाब्दिक अर्थ है पांच गुणा क्षमता।पंचक शब्द का प्रयोग चंद्र मास में पड़ने वाले अंतिम पांच नक्षत्रो…
आज कि इस ज्योतिष कक्षा – 8 में हम नक्षत्र परिचय के अंतर्गत नक्षत्रो के वृक्ष, नक्षत्रो कि आकृति एवं…
योग सूर्य और चंद्रमा कि परिक्रमा के अनुसार बनने वाले समय को कहा गया है। पृथ्वी कि एक परिक्रमा अपनी…
जो आकाश हमें दिखाई देता है इसको ज्योतिष भाषा में भचक्र के नाम से जाना जाता है और रात्रि कल…
पंचांग का तीसरा अभिन्न अंग है करण। शुभ कार्य का समय सुनिश्चित करते समय करण का ध्यान रखा जाता है।…
ज्योतिष कक्षा - 4 का महत्वपूर्ण बिंदु है पक्ष एवं तिथि। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले तिथि…