औषधि बनाने और ग्रहण करने का मुहूर्त।

औषधि बनाने और ग्रहण करने के मुहूर्त का प्रयोजन है कि औषधि तथा उसे ग्रहण करने के लिए आयुर्वेद में वर्णित नक्षत्रों के अनुसार विशेष समय का चुनाव किया जाता है जिससे औषधीय गुणों कि वृद्धि होती है।

शुभ नक्षत्र :- अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल,श्रवण, धनिष्टा, शतभिषा, रेवती।

जो औषधियां नक्षत्रों के उपचार के लिए बनाई जाती है उनमें सभी नक्षत्रों को लिया जाता है।

शुभ तिथि :- रिक्ता(4,9,14),अमावस्या  को छोड़कर अन्य तिथि शुभ हैं।

शुभ वार :– शुक्र वार शुभ है।

लग्न :- द्विस्वभाव शुभ हैं।

मुहूर्त निकलवाने के लिए यह फार्म भरे।