Buildings-according-to-the-solar-solstice-ExpressBuildings-according-to-the-solar-solstice-Express

भवन निर्माण करते समय सूर्य सक्रांति का ध्यान रखना चाहिए। भवन निर्माण में सबसे अधिक समय को प्रभावित करता है। संक्राति का प्रभाव अधिक माना जाता है।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कहीं-कहीं क्षेत्र में भवन निर्माण में महीनों का भी महत्व बताया गया है महिनों का महत्व भी सूर्य सक्रांति के अनुसार ही निर्धारित किया गया था जब सूर्य अपने सिद्धांत अनुसार राशियों का भ्रमण करता है तो उसमें अधिक बदलाव नहीं होता।
चंद्रमा के भ्रमण सिद्धांत के अनुसार महीनों में फर्क रहता है इसलिए कुछ मांस निषेध बताए गए हैं वह मांस भी संक्रांतियों के अनुसार ही निर्धारित किए गए थे और वह आज के समय में कहीं-कहीं क्षेत्र में प्रचलित हैं लेकिन विशेष रूप से भवन निर्माण में सूर्य संक्रांति का ही ध्यान रखना चाहिए।

जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है अर्थात जब मेष राशि कि सक्रांति होती है।
मेष का सूर्य हो, तो घर का स्थापन करना शुभदायक।

जब सूर्य वृष राशि का हो तो घर कि स्थापन करना शुभदायक।( वृष संक्राति का फल धन की वृद्धि)

जब सूर्य मिथुन राशि का हो तो घर कि स्थापन करना अशुभ फल दायक (मिथुन संक्राति का फल , तो मृत्यु कारक कष्ट)

जब सूर्य कर्क राशि का हो तो घर कि स्थापन करना शुभदायक।( कर्क संक्रांति का फल शुभ फलदायक)

जब सूर्य सिंह राशि का हो, तो घर कि स्थापन करना शुभदायक । सिंह संक्राति का फल भृत्यों की वृद्धि) भाईयों तथा मित्रों कि वृद्धि।

जब सूर्य कन्या राशि का हो, तो घर कि स्थापन करना अशुभ फल दायक। कन्या संक्रान्ति काफल रोग-पीड़ा में वृद्धि करती है।

जब सूर्य तुला राशि का सूर्य हो, तो घर कि स्थापन करना शुभ फल दायक । तुला संक्रांति का फल सुख में वृद्धि।

जब सूर्य वृश्चिक राशि का हो, तो घर कि स्थापन करना शुभ फल दायक। वृश्चिक संक्राति का फल धन की वृद्धि, ।

जब सूर्य धनु राशि का हो, तो घर कि स्थापन करना अशुभ फल दायक। धनु संक्रान्ति का फल बड़ी हानि ।

जब सूर्य मकर राशि का हो, तो घर कि स्थापन करना शुभ फल दायक मकर संक्रान्ति का फल धन की प्राप्ति।

जब सूर्य कुम्भ राशि का सूर्य हो, तो घर कि स्थापना करना शूभ फल दायक। कुंभ संक्राति का फल रत्न का लाभ एवं धन में वृद्धि होती है।

जब सूर्य मीन का हो, तो घर कि स्थापन करना अशुभ फल दायक। मीन संक्राति का फल भय में वृद्धि होता है ।

उचित समय अनुसार किया गया कार्य ही पूरे लाभ देता है।

नवनिर्माण नींव मुहूर्त।