हथियार , तीरंदाजी सिखने के मुहूर्त का प्रयोजन है जव किसी कार्य को सिखने कि शुरुआत कि जाती है जो उसके लिए विशेष नक्षत्रों कि प्रकृति के अनुसार समय का चुनाव किया गया है, सभी तरह के कार्यों के अलग-अलग नक्षत्र चिन्हित किए गए हैं। हथियार, तीरंदाजी सिखने के लिए निचे दिए गए नक्षत्रों के अनुसार कार्य करने चाहिए।
चंद्रमा विचार :- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र :- अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण,घनिष्टा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती आदि शुभ नक्षत्र है।
जन्म नक्षत्र को छोड़कर।
गुरु, शुक्र, अस्त नही होने चाहिए।
वार विचार :- सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार रविवार।
तिथि विचार :- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी श्राद्ध पक्ष होलाष्ठ निषेध है।
स्थिर लग्न शुभ फल दायी हैं। गुरूजी को प्रणाम करके शुरुआत करे।
सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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