अंक शास्त्र में चार का अंक अपनी मस्तिष्क कि क्षमता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
इस मूलांक कि तिथियों में पैदा होने वाले लोगों में सोचने की अद्भुत क्षमता होती है और ऐसे लोग दूसरों से अलग सोचते है और समाज में बदलाव लाते है।
यह अपने विचारों के पक्के होते है और दूसरों की बातों को अपनी जरूरतों के अनुसार महत्व देते है। ऐसे लोग लालची, अहंकारी, कम मिलने-जुलने वाले और विद्रोही स्वभाव के होते है।
इनमें एक ही साथ कई कार्य करने की क्षमता होती है। यह अपने कार्य को अच्छी तरह से व्यवस्थित करने में सक्षम होते है। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण मित्रों को शत्रु बना लेते है। यह रिती रिवाजों के वैज्ञानिक कारणों में विश्वास रखते है। यह बहुत ही तंग दिल होते है। यह फिलॉस्फी और धर्म में रुचि रखते है।
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सुन्दर और कलात्मक चीजों को पसंद करते है। जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितयों को आसानी से सुलझा लेते है। अपने ज्ञान में बढ़ौतरी के लिए अपने आपको जानकारी से भरपूर रखते है।
जरूरत के अनुसार ही ज्ञान ग्रहण करना इनकी विशेष आदत होती है। अध्यन के कार्य बहुत अच्छा कर सकते है। सफलता प्राप्ती के लिए अपने कार्यों में व्यस्त रहते है। इनकी सोच हमेशा तथ्यों के साथ घूमती रहती है। जब तक इनकी इच्छा पूरी ना हो इन्हें चैन नहीं मिलता। उत्तम विचार जातक को उन्नति की ओर ले जाते है।
संयम रखें और काम को सिखकर बड़े उद्योगपति बन सकते है। बुद्धिमान व्यक्ति राहु को अपनी बुद्धि के बल से ठीक दिशा में चलाता है व शुभ फल पाता हैं। इनकी राय अन्य व्यक्तियों से नहीं मिलती। ऐसे व्यक्ति जमाने से काफी आगे की सोच रखते है तथा अपना विरोध प्रकट करने की आदत के कारण स्वय अपने आलोचक तैयार करते है। चुनौतीपूर्ण कार्य करना पसंद आता है।
बहुत जल्दी ही निजी संबंध बनाने वाले और जल्द ही छोड़ने वाले, परिवार में तनाव पूर्ण स्थिती रहती है, जिस वजह से परिवार से दूर रहते है। अपने से अलग व्यक्तियों के प्रति जल्दी प्रभावित होते है।
ये अपनी योजनाओं को पहले ही सुनिश्चित कर लेते हैं । इनमें कम समय तथा कम लागत पर कार्य करने कि कुशलता होती है। दुसरे लोगों से अपनी जरूरतों के अनुसार ही वार्ता करना इनका प्रमुख गुण होता है। संयम ना रखना इनकी सबसे बड़ी कमजोरी है।