वस्त्र व आभूषण धुलाई मुहूर्त का प्रयोजन है कि आभुषणों कि सफाई तथा विशेष प्रयोजन के लिए विशेष वस्त्रो कि धुलाई के लिए उचित समय का चयन।
यह मुहूर्त विशेषकर गहनों कि सफाई के लिए होता है इसके अंतर्गत स्त्री, पुरुष तथा देव प्रतिमा आती है।
शुभ नक्षत्र :- अश्विनि, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा ,अनुराधा ,घनिष्ठा ।
शुभ वार:- सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार।
शुभ तिथि:- १,२,३,५,७,८,९,१०,११,१२,१३।
वर्जित तिथि:- रिक्ता (4,9,14),छठ,अमावस्या निषेध।
श्राद्ध, व्रत,बड़े त्यौहारों को निषेध माना गया है।
इसके अलावा कई विद्वानों का मत है कि श्राद्ध क्रिया करने के बाद कपड़ों की धुलाई कर सकते हैं।
अंग वस्त्रों पर मुहूर्त के नियम लागू नही हैं।
रात्री मे कपड़े सुखाते हुऐ नही छोड़ने चाहिए।
कपड़ों में छिद्र नहीं होने चाहिए फटे हुए नहीं होने चाहिए फटते ही तुरंत सिलाई करें फटे हुए कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्रों के मुहूर्त संबंधित लेखों मे गुरुवार को कही भी निषेध नही कहा गया हैं।लेकिन यह धारणा अब प्रचलन मे हुई हैं जबसे कपड़ों कि धुलाई के लिए पशुओं कि चर्बी युक्त पदार्थों का प्रचलन बढ़ा।बृहस्पतिवार वार को अन्य वारो से विशेष धार्मिक महत्व दिया गया हैं इस लिय यह परम्परा बन गई।
आभूषण धुलाई मुहूर्त।
शुभ नक्षत्र:- अश्विनि, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा ,अनुराधा ,घनिष्ठा ।
शुभ वार:- सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार।
शुभ तिथि:- रिक्ता (4,9,14),छठ,अमावस्या
श्राद्ध, व्रत,बड़े त्यौहारों को निषेध माना गया है।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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