सबसे पहले आपको मोर पंख के बारे में जान लेना चाहिए, की मोर पंख किस काम में आता है, और इसमें कोन कोन से रशायन होते हैं।

आइए जानते हैं मोर पंख के अंदर कोन कोन से रसायन होते हैं। रशायन शास्त्र के अनुसार मोर पंख में सात प्रमुख धातुएं तथा पारे व गंधक का मिश्रण पाया जाता है। मोर पंख में सुनहरे चमकने वाला तांबा और नीले चमकदार रंग अन्य धातुओं के मिश्रण से बनता है।

प्राचीनकाल से हमारे आयुर्वेदाचार्य मोर पंख के औषधीय गुणों के बारे में जानते थें ।
इस लिए इसका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता रहा है । आयुर्वेद में मोरपंख का प्रयोग असाध्य रोगों को ठीक करने के लिए आदि काल से ही किया जाता रहा है।मोर पंख से निर्मित कुछ आयुर्वेदिक औषधियां आज भी बाजार में मिलती है जैसे मोरपंख भस्म,मयूर चंद्रिका भस्म।

मोर पंख का प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए आदि काल से किया जाता रहा है। जब आप किसी मंदिर या सिद्ध पीठ पर जाते हैं तो मोर पंख कि झाड़ू से आपको झाड़ा देते हुए दिखाई देते हैं। क्योंकि मोर पंख में एक तरह कि चुंबकीय शक्ति होती है जिसके कारण यह नकारात्मक ऊर्जा को अपनी और खींचती है और आवरण से नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता हैं।

जब आप मंदिर या अन्य किसी धार्मिक स्थलों पर जाते है तो जब आशिर्वाद लेते हैं तो वहां बैठा पुजारी आपको मोरपंख से झाड़ा देते हैं और आप सकारात्मक प्रभाव को महसूस करते हैं। मोरपंखी वहां जाने वाले सभी लोगों कि नकारात्मक प्रभाव को अपनी ओर अवशोषित कर लेता है और जब मोरपंखी को गर्भ गृह में प्रतिमा के पास रखते तो इसमें संग्रह हुई नाकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है और यह दुबारा यह फिर से ऊर्जा वान हो जाता है।
मोर पंख में नाकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने के गुण बहुत अधिक होते हैं। जब हम घर पर मोरपंखी रखते हैं तो यह नाकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित तो कर लेती है लेकिन उस संग्रहित नाकारात्मक ऊर्जा को बाहर नहीं निकाल पाती और इसी कारण यह अपने समीप के आवरण को भी अपने नाकारात्मक प्रभावों से दुषित करती है।

मंदिर में या अन्य धार्मिक स्थलों में गर्भ गृह में रखी हुई प्रतिमा के कारण मोर पंखों के अंदर साकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव निरंतर बना रहता है।

मोरपंख का भ्रमित प्रयोग।

घर पर साज सज्जा के लिए मोरपंख से बनी आकृतियां तथा अन्य कारणों से मोरपंख का प्रयोग किया जाता है।
लेकिन जब आप मोरपंख को घर में रखते है तो यह आवरण से नकारात्मक ऊर्जा सोखता है और अपने आप को नकारात्मक ऊर्जा का संग्रहालय बना लेता है और इससे घर में नकारात्मक प्रभाव बढ़ने लगता हैं।घर पर रखे मोरपंख कि ऊर्जा नकारात्मक ही रहती है क्योंकि घर पर इसको सकारात्मक ऊर्जा नहीं मिला पाती।


कुछ लोग इसे छिपकली को घर से भगाने के लिए करते हैं। मोर पंख पर बनी आंख की आकृति से छिपकली एक बार तो डर कर भाग जाती है। लेकिन यह ज्यादा कारगर उपाय नही है।
अज्ञानतावश लोग घर में मोरपंखों का संग्रह करते हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।

विशेष:– मोरपंख को घर मे ना रखें। धन कि वृद्धि तो आपके कार्य करने कि गति के अनुसार होगी। अगर मोरपंख से धन कि वृद्धि होती तो सभी व्यक्ति मोरपंख ही रखते अपने घरों में। कार्य या व्यवसाय कोई भी नहीं करता। घरों में सुख-समृद्धि के लिए सबसे ज्यादा सहायक होती है घर में सफाई व्यवस्था होनी चाहिए।

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