कांटेदार पौधे घर पर होने पर घर में रहने वाले सदस्यों कि बातें आपस में चुभने लगती है। तथा भय कि वृद्धि होती है।
घर पर दुध टपकाने वाले पौधे नहीं होने चाहिए। इनका बुरा प्रभाव घर में रहने वाले सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। घर पर फलों वाले पौधे नहीं होने चाहिए। फलदार पौधे सिर्फ बगीचे में होने चाहिए। घर पर फलदार पौधे होने पर बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।
बड़े पेड़ को घर से बाहर तथा उचित दुरी पर लगाना चाहिए। क्योंकि पेड़ जितने क्षेत्र में बाहर विकसित होता है उतने ही क्षेत्र में वह भूमि के अंदर भी विकसित होता है। जैसे पेड़ के ऊपर असंख्य पक्षी तथा अन्य जीव अपना घर बनाते हैं उसी प्रकार पेड़ की जड़ों में भी जीव रहते हैं।अगर पेड़ घर के अंदर होगा तो उसके अंदर रहने वाले जीव हमें प्रभावित करते हैं। इसको ऐसे समझें जब हमारे घर पर कोई अवसर होता है तो हम अपने नजदीकी रिश्तेदारों को भोजन तथा हमारी खुशियों में आमंत्रित करते हैं।
लेकिन जो लोग बिना आमंत्रण पत्र के हमारे घर पर आते हैं तो वो लोग सिर्फ हमारा नूक्शान ही करते हैं। इसी तरह पेड़ पर बिना बुलाएं मेहमान ही रहते हैं।और बिना बुलाए मेहमान हमेशा परेशानी के कारक होते हैं। इस लिए पेड़ घर से उचित दुरी पर होने चाहिए। अगर आप लगाना भी चाहते हैं तो सिर्फ अशोका का वृक्ष लगा सकते हैं उसे भी पुरी तरह पिरामिड कि तरह ही बनाकर रखें। अगर आप उसे पिरामिड कि तरह बना कर नहीं रखते हैं तो वह अशुभ फलदाई होता है।
घर पर गमलों में पेड़ लगाकर उनको छोटा बनाकर रखा जाना भी घर में रहने वाले सदस्यों को विकसित होने की संभावनाओं को कम करता है।
घर पर सिर्फ तुलसी का पौधा लगा सकते हैं।और पानी में मनीप्लांट का पौधा लगा सकते हैं। इसके अलावा घर पर कोई भी पौधा ना रखें।
घर पर साधारण फूल पत्ती लगाने का प्रवधान है उत्तर दिशा से लेकर पूर्व -दक्षिण के क्षेत्र में हरियाली शुभ फलदाई होती है। अगर घर पर ही हरियाली हैं तो ध्यान रखें कि पेड़ पौधे को काट छांट कर रखें।
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