वाहन चलाना सिखने,घुड़सवारी, तथा स्वारी को सिखने के मुहूर्त का प्रयोजन है जव किसी कार्य को सिखने कि शुरुआत कि जाती है जो उसके लिए विशेष नक्षत्रों कि प्रकृति के अनुसार समय का चुनाव किया गया है, सभी तरह के कार्यों के अलग-अलग नक्षत्र चिन्हित किए गए हैं। वाहन चलाना,घुड़सवारी, तथा स्वारी सिखने के लिए निचे दिए गए नक्षत्रों के अनुसार कार्य करने चाहिए।
चंद्रमा विचार :– स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र :- अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण,घनिष्टा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती आदि शुभ नक्षत्र है।
जन्म नक्षत्र को छोड़कर।
गुरु, शुक्र, अस्त नही होने चाहिए।
वार विचार :- सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार रविवार।
तिथि विचार :- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी तिथि होलाष्ठ श्राद्ध पक्ष निषेध हैं।
स्थिर लग्न शुभ फल दायी हैं। गुरूजी को प्रणाम करके शुरुआत करे।
सूर्य संक्रांति दिन नक्षत्र से वर्तमान दिन नक्षत्र तक गिनने पर
1 से 5 नक्षत्र तक गिनने पर सम्मान मिलेगा ।
6 से 15 नक्षत्र तक गिनने पर लाभ ।
16 से 17 नक्षत्र तक गिनने पर पत्नी को कष्ट।
18 से 21 नक्षत्र तक गिनने पर समय पर धोखा ।
22 से 26 तक नक्षत्र तक गिनने पर वाहन हानि ।
27 से 28 नक्षत्र तक गिनने पर लाभ मिलेगा ।
इस मुहूर्त में अभिजीत नक्षत्र को भी शामिल किया गया है।
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