अग्नि वास तालिका।

शुक्ल पक्ष प्रथमा तिथि।

शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को,
रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है ।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को ।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो। तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो। तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष नवमी तिथि।
रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

शुक्ल पक्ष दसमीं तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष प्रथमा तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो। तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि।
रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो। तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष नवमी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

शुक्ल पक्ष दसमीं तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पाताल पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास आकाश में रहता है।

कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि।

रविवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
सोमवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
मंगलवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।
बुधवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी में रहता है।
गुरुवार हो तो अग्नि का वास पृथ्वी पर रहता है।
शुक्रवार हो तो अग्नि का वास आकाश पर रहता है।
शनिवार हो तो अग्नि का वास पाताल में रहता है।

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