शांति पाठ मुहूर्त का प्रयोजन है किसी विशेष कार्य कि पूर्ति हेतु शांति पाठ तथा अन्य कथा वाचक करवाने के लिए विशेष समय का चुनाव करना।
शुभ नक्षत्र :- भरणी, कृतिका, मृगशिरा, आर्द्रा, आश्लेषा, पूर्वाफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वा- भाद्रपद।
शुभ तिथि :- रिक्त तिथि (4,9,14) अमावस्या , क्षय तिथि ये तिथि निषेध है।
शुभ वार:- सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार।
सुर्य संक्रांति निषेध है।
लग्न से दसवें स्थान में सूर्य ,चौथे स्थान में चंद्रमा और लग्न में बृहस्पति के रहते मंगल अर्थात गणेश पूजा करवा सकते हैं। शुक्र तथा गुरु अस्त नहीं होने चाहिए।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-