संगीत यंत्र खरीद मुहूर्त का प्रयोजन है उचित समय पर संगीत यंत्रों को खरीदा जाए।
संगीत को मां सरस्वती का आशीर्वाद माना जाता है ज्ञान कि प्राप्ति का स्त्रोत भी मां सरस्वती से है संगीत का पहला यंत्र वीणा है प्राचीन काल में संगीत यंत्रों को नक्षत्रों में निर्माण करने का प्रावधान था लेकिन आज के परिवेश में इनको विशेष नक्षत्रों में खरीदने के लिए सुनिश्चित किया गया है।
चर संज्ञक+मिश्र संज्ञक
चंद्रमा विचार :- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
नक्षत्र विचार :- स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा,विशाखा, कृतिका शुभ फल दायी हैं।
तिथि विचार :- रिक्ता(४,९,१४) अमावस्या, श्राद्ध,होलाष्ठ निषेध है।
गुरु, शुक्र अस्त नही होने चाहिए।
वार विचार :- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार आदि शुभ हैं।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे । यह सुविधा सशुल्क हैं।
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