आफ – लाइन वास्तु सलाह।

वास्तु शास्त्र कि उत्पति उपचारीय पद्धतियों से प्रभावित हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में बैठे ग्रहो का स्थान बदला नहीं जा सकता। लेकिन जिस घर में आप रहते हैं उस घर को बिना तोड़-फोड़ के भी घर को व्यवस्थित किया जा सकता है। पंच तत्वों के अनुसार रंगों द्वारा एवं घर कि वस्तुओं को अपने स्थान पर व्यवस्थित किया जाता है ।

इस पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन पांच तत्वों पर आधारित है और व्यक्ति जहां रहता है वहां के वातावरण में पंच तत्वों का संतुलित होना जरूरी है इसको संतुलित करना ही वास्तु शास्त्र कि प्राथमिकता है।

इस सुविधा के अंतर्गत हम आपके भवन का वास्तु निरीक्षण हेतु भवन का नक्शा बनाते हैं और भवन के प्रत्येक क्षेत्र पर तत्वों के स्थापन पर चर्चा कि जाती है तथा उपचार बताएं जाते हैं। इस क्रिया में कम से कम दो से पांच घंटों का समय लगता है। यह समय आपके भूखंड के आकार पर निर्भर करता है

इस दौरान आपके घर के वास्तु दोषों के उपाय कि उपचार तालिका बनाईं जाती है। इसके अलावा समय कि विशेष अवधि तक आप जब तक उपचार करते हैं तब तक आपके साथ बने रहने पर वचन बद्ध है। हमारा ध्येय आपको आपकी शंका का नीवारण एवं आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार उपायों से संतुष्टि प्रदान करना है।

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