सूर्य से पृथ्वी के बीच की दूरी 1,49,600000 km या 92960000 मील है।
सूर्य का व्यास 1390000 किलोमीटर है। सूर्य सेपृथ्वी पर प्रकाश कि किरण पहुचने में लगभग 8 मीनट 32 सैकण्ड का समय लगता है। यह पृथ्वी से 109 गुणा बड़ा है।
ब्रह्मांड में चमकते हुऐ इस विश्व व्यापी ऊर्जा के स्त्रोत के अंदर हाईड्रोजन ओर हिलियम गैसों का भंडार है। जो कि एक तारे के जीवन चक्र का एक पड़ाव है।
सूर्य का जंन्म लगभग 4.57 अरब वर्ष पूर्व माना गया है। यह सौरमंडल के जीवन का आधार माना गया हैं। यह जीवन का कारक हैं।
ज्योतिष विद्या में सूर्य को आत्मां का कारक माना गया है। जो ज्योतिष अनुसार सूर्य पिता का कारक होता है और जीवन में बड़ा पद बड़ी जिम्मेवारी तथा जन्म देने वाला होता है ज्ञान के प्रकाश का कारक सूर्य होता है जैसे अंधेरे अज्ञानता को अंधेरे का कारक माना गया है वैसे ही ज्ञान का कारक सूर्य को माना गया है शरीर में आंखों की रोशनी भी सूर्य कारक होता है
सूर्य को माना जाता है ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए जो भी कर्म किए जाते हैं उनका संबंध सूर्य से है जिस जातक के संबंध अपने पिता के साथ अच्छे हैं उनके प्रति सेवा भाव हो तो आत्मा से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है शरीर में सूर्य की ऊर्जा बढ़ानी हो तो पिता की सेवा सूर्य नमस्कार रोज करें सूर्य की उर्जा अगर शरीर में व्यवस्थित हो जाए तो मनुष्य के सत्कर्मों का प्रताप तीनों लोकों में पहचान प्राप्त करता हैं।