इस संस्कार का प्रयोजन बालक को घर से बाहर ले जाने कि शुरुआत ,सामान्य तोर पर इसका समय तीसरा चौथा महीना होता है। लेकिन किसी कारणवश अगर पहले ही बच्चे को ले जाना पड़े तो यह संस्कार पहले भी किया जा सकता है।
इस संस्कार में बालक को सूर्य तथा चन्द्रमा के प्रकाश को दिखाया जाता है। इस संस्कार के अधिकारी बच्चे के दादा , दादी होते हैं। अगर दादा , दादी उपलब्ध ना हो तो अन्य रिश्तेदार भी कर सकते हैं। शुभ वार , शुभ नक्षत्र तथा शुभ तिथी में करें ।
बच्चे के नाम से चंद्रमा विचार।
शुभ वार:- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार।
शुभ तिथियां :- १,२,३,५,६,७,१०,११,१२,१३।
शुभ पक्ष:- शुक्ल पक्ष।
शुभ नक्षत्र:- रोहिणी, मृगशिरा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढा, उत्तराभाद्रपदा, हस्त, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा।
भद्रा काल वर्जित है। इस संस्कार को दोपहर से पहले ही करे।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-