नृत्य तथा संगीत सिखने के मुहूर्त का प्रयोजन है जव किसी कार्य को सिखने कि शुरुआत कि जाती है जो उसके लिए विशेष नक्षत्रों कि प्रकृति के अनुसार समय का चुनाव किया गया है
सभी तरह के कार्यों के अलग-अलग नक्षत्र चिन्हित किए गए हैं। नृत्य तथा संगीत सिखने के लिए निचे दिए गए नक्षत्रों के अनुसार कार्य करने चाहिए।
चंद्रमा विचार :- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र :- पुष्य,उत्तराफाल्गुनी, हस्त,अनुराधा, ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा, घनिष्टा, उत्तराभाद्रपद, रेवती ये शुभ नक्षत्र हैं।
तिथि विचार :- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी श्राद्ध पक्ष होलाष्ठ निषेध है।
वार विचार :- सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार रविवार।
चंद्रमा तथा लग्न शुद्धि परम आवश्यक है।
चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में विशेष लाभकारी।
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