नवनिर्मित भवन में छत डालने के मुहूर्त का प्रयोजन है जब चारदीवारी बन जाती है तो उस पर छत्त डाली जाती है इसके लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार समय के कुछ नियम हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा निश्चित किए गए हैं।
गृहस्वामी का चंद्रमा ४,६,८,१२वां नहीं हो।
तिथि ४,९,१४, अमावस्या, श्राद्धपक्ष, वर्जित है।
होलाष्ठ निषेध हैं।
पंचक निषेध
चंद्रमा भचक्र में जब आखिरी पांच नक्षत्रों में भ्रमण करता है तब उस अवधि को पंचक कहा गया है। आखिरी पांच नक्षत्र धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वा भाद्रपद, उत्तराभाद्रपदा ,रेवती नक्षत्र
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-