कर्ज चुकाने के मुहूर्त का प्रयोजन है कर्ज़ को स्वीकार करके उसे चुकाने का संकल्प लिया जाता है इसके लिए सनातन संस्कृति में विशेष प्रावधान है। एक विशेष समय का चुनाव करके उस समय पुरे आत्मविश्वास के साथ कर्ज़ चुकाने का संकल्प लिया जाता है।
इस मुहूर्त का समय सुनिश्चित किया जाए तथा अपने सभी कर्ज दाताओं के नाम लिखकर अपने कर्ज़ कि पुष्टि करके वायु पुत्र श्री हनुमान जी कि पुजा अर्चना कि जाती है और आशीर्वाद लिया जाता है।
प्रथम संकल्प कि जिससे उधार ले रखा है उसके प्रति मन में दुर्भावना नहीं लानी है।
अपने कर्ज़ दाता के प्रति हमेशा धन्यवाद के भाव रखने है। इससे आपके अंदर कर्ज़ चुकाने कि क्षमता में वृद्धि होती है।
क़र्ज़ तथा उधार लिए हुऐ पैसे चुकाने का मुहूर्त।
चंद्रमा विचार:- चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ तिथि:– १,२,३,५,७,८,९,१०,११,१२,१३।
वर्जित तिथि :- रिक्ता (4,9,14),छठ,अमावस्या निषेध।
पुराना कर्जा उतारने के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना गया हैं।
बुधवार को सर्वथा निषेध करें।
योजना बनाकर मंगलवार को पैसे चुकाने का नियम बनाए।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-