गंधर्व विवाह मुहूर्त का प्रयोजन है शादी करना। किसी कारण वश समय के अभाव में किया गया विवाह गंधर्व विवाह कहलाता है।
गंधर्व विवाह नव दम्पति के लिए नहीं है। गंधर्व विवाह मुहूर्त उनके लिए है जो शादीशुदा हैं लेकिन पत्नी या पति जीवित नहीं है। इस अवस्था में जीवन साथी के साथ प्रणय करना गंधर्व विवाह मुहूर्त में उपयुक्त है।
तिथि विचार :- चतुर्थी, नवमी,चतुर्दशी तिथि निषेध है
वार विचार:- मंगलवार निषेध है।
भद्रा विचार:- भद्रा काल निषेध है।
गंधर्व विवाह में मांस का कोई दोष नही हैं। लेकिन मल मास को छोड़ दें।। गुरू शुक्र अस्त का भी कोई दोष नही माना गया।
धरेजा ( विधवा को पत्नी रूप मे अपनाना ) के लिए शुभ नक्षत्र:- अश्वनी,कृतिका,आर्द्रा,पुनर्वसु, आश्लेषा, ज्येष्ठा, धनिष्ठा ,शतभिषा ये नक्षत्र शुभ माने गए है।
इसके अतिरिक्त एक विधि ओर भी है गंधर्व विवाह मुहूर्त जानने कि।
सुर्य नक्षत्र से गिनकर जिस नक्षत्र में विवाह करना हो 3 3 नक्षत्रों का त्रिक बनाएं ।
- पहले त्रिक का फल मरण।
- द्वितीय त्रिक का फल धन प्राप्ति ।
- तृतीय त्रिक का फल मरण।
- चौथे त्रिक का फल मरण।
- पांचवें त्रिक का फल पुत्र लाभ।
- छठे त्रिक का फल मरण।
- सातवें त्रिक का फल दुर्भाग्य।
- आठवीं त्रिक का पल लक्ष्मी की प्राप्ति।
- नोवे त्रिक का फल लाभ।
सूर्य नक्षत्र से चौथे,ग्यारहवें, पच्चीसवें शुभ नक्षत्र माने गए हैं बाकी अशुभ माने गए हैं।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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