चूड़ा या चूड़ी धारण मुहूर्त का प्रयोजन है जब स्त्री बच्चे को जन्म देने के बाद परम्पराओं के अनुसार सुहाग का प्रतीक हाथों में चूड़ियां धारण करती है इसके लिए विशेष नक्षत्रों का प्रावधान है। इस मुहूर्त में बच्चे कि माता के नाम से चंद्रमा का विचार किया जाता है।
स्थिर लग्न शुभ फल दायी हैं।
चंद्रमा विचार :- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र :- अश्विनी,हस्त,चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, धनिष्ठा, रेवती अगर इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र जन्म नक्षत्र हो तो उसका त्याग कर देना चाहिए।
जन्म नक्षत्र को छोड़कर। .
गुरु, शुक्र, अस्त नही होने चाहिए।
वार विचार :- सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार रविवार।
तिथि विचार :- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी तिथि होलाष्ठ श्राद्ध पक्ष निषेध है।
अपने इष्टदेव का आशीर्वाद लेकर धारण करें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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