चिकित्सा, दवाओं से जुड़ी विशेष शिक्षा मुहूर्त का प्रयोजन है जव किसी विद्या को सिखने कि शुरुआत कि जाती है जो उसके लिए विशेष नक्षत्रों कि प्रकृति के अनुसार समय का चुनाव किया गया है.
सभी तरह के कार्यों के अलग-अलग नक्षत्र चिन्हित किए गए हैं। चिकित्सा, दवाओं से जुड़ी विशेष शिक्षा को सिखने के लिए निचे दिए गए नक्षत्रों के अनुसार कार्य करने चाहिए।
चंद्रमा विचार :– स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र :- अश्वनी, मृगशिरा, पुनर्वसु,पुष्य, हस्त,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल,श्रवण,घनिष्टा, शतभिषा, रेवती तथा इनमे से कोई जन्मं नक्षत्र हो तो छोड़ दें।
तिथि विचार :- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी श्राद्ध पक्ष होलाष्ठ निषेध है।
वार विचार :- सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार रविवार।
चंद्रमा शुद्धि, लग्नशुद्धि परम आवश्यक हैं।
७,८,१२ भाव मे पाप ग्रह ना हो।
द्विस्वभाव लग्न शुभ रहता है।
चिकित्सा पद्धति, शल्य चिकित्सा पर अभ्यास करना शुभ रहता है। धन्वंतरी देव की पूजा करके कार्य प्रारंभ करें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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