भुमिगत टंकी या कुंड बनाने के मुहूर्त का प्रयोजन है जब घर बनाया जाता है तब सबसे पहले पानी कि व्यवस्था कि जाती है,और इसे जमीन में खुदाई करके बनाया जाता हैं इसके लिए उचित समय का चयन लाभकारी होता है।
इसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा वास्तु शास्त्र के अनुसार नियम बनाए गए हैं ।
सर्वप्रथम भूमि सोई हुई नहीं होनी चाहिए।
शुभ नक्षत्र:- रोहिणी,मृगशिरा,पुष्य,मघा ,उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा ,हस्त, उत्तराभाद्रपदा,अनुराधा, पूर्वाषाढ़ा ,धनिष्ठा,शतभिषा,रेवती।
चंद्रमा विचार:- स्वयं कि नाम राशि से चंद्रमा चौथा, छठा, आठवां, बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ तिथि:- २,३,५,७,१०,१३।
वर्जित तिथि:- ४,९,१४, अमावस्या श्राद्धपक्ष होलाष्ठ।
शुभ वार:- सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार,शनिवार।
वर्जित वार:- मंगलवार निषेध है।
भवन के निर्माण से पहले कुंड का निर्माण करें।
भुमिगत कुंड घर के कोनसे क्षेत्र में बनना चाहिए।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
मुहूर्त निकलवाने के लिए यह फार्म भरे।