यात्रा में शुकून विचार।

यात्रा करते समय शुकून का भी महत्व होता है। शुकून विचार प्रतीक विज्ञान से जुड़ा हुआ विषय है। जैसे प्रतीक(संकेत) दिखाई देते है।वैसे हि परिणाम मिलते हैं।हमारे ज्योतिष ग्रंथो मे सामुद्रिक शास्त्र मे इनके बहुत लेख मिलते हैं।जिन क्षेत्रों समयावधि कि जानकारी ज्यादा विकसित नही हुई वहा शुकून (प्रतीक विज्ञान) पर काम जयादा हुआ या ज्यादा प्रचलन हुआ। प्रत्येक शुकून में अलग अलग तरह के संकेत छुप्पे होते है । किसी मे साकारात्मक तथा किसी मे नाकारात्मक। उनकी पहचान करके हमारे ऋषि मुनियों ने इनका संग्रह करके काल ज्ञान मे हमारी काल निर्णयों के लिए सहायक किया।

सामने से आता हुआ बाजा बजाने वाला ।
सामने से आता हुआ ब्राह्मण ।
सामने से आती हुई वेश्या।
सामने से आती हुई कन्या।
सामने से आती हुई गाय ।
सामने से आतीअपने पुत्र को गोद मेंं लिए हुऐ तथा पुत्र के साथ में मां।
सामने से आती हुई पालकी।
सामने से आती हुई दुलहन जो ससुराल जा रही हो।
सामने से आता हुआ दिखाई दे काम पर जाता हुआ घोड़ा।यात्रा पानी पर करते समय मच्छली दिखाई देना।
वेद पाठ की ध्वनि।
मांगलिक गीत । खाली घड़ा पीछे से आता हुआ।
सामने से आते हुऐ
हाथी ,मोर,सफेद बैल,मोर, नीलकंठ ,नेवला,शराब, शहद
बकरा ,बकरे का रक्त ,गोरोचन,, भारद्वाज,मांस।
सरसों,दही
सामने से आती हुई फलो से भरी हुई की टोकरी ।
अनाज की बोरी ।
सामने से दूधिया दूध लाते हुए।
कमल का फूल।
साफ वस्त्र पहने हुए कोई व्यक्ति।
अपने खुटें बंधा हुआ एक पशु।
अच्छे वचन ,पुष्प ।
पानी से भरा हुआ मटका लाते हुए औरतें।
दिशा अनुसार रंग।
पिछे से लगी छीकं।
लाल कपड़ा लाल प्रतीक
पगड़ी बाधे हुऐ सामने से आता हुआ व्यक्ति।
जली हुई अग्नि ।
यह पदार्थ यात्रा करते समय अगर दिखाई दे तो शुभ शुकून माने जाते हैं और शुभ फलदाई होते हैं।

यात्रा मे वार तिथि अनुसार सिद्ध योग।