१३ गृह आरम्भ मे ग्रह अस्तोदय विचार:-

9 अस्तोदय स्थिति हमारे सौरमंडल में सभी ग्रहों उपग्रह की ऊर्जा है। वह अपनी धुरी पर घुम रहे हैं। और इनकी स्वयं की कोई चमक नहीं है ये सभी सूर्य के प्रकाश में हमें दिखाई देते हैं। सूर्य की प्रकाश में जो ग्रह चमकते हुए हमें दिखाई देते हैं, उनकी इस अवस्था को उदय स्थिति कहा गया है। और जब ये हमें दिखाई नहीं देते हैं तो उस अवस्था को अस्त कहा गया है। जब सूर्य का प्रकाश उन ग्रहों की बदलती स्थिति के अनुसार नहीं पड़ता है, तो वह हमें दिखाई नहीं देते हैं। उनका अस्तित्व तो होता है, लेकिन उनका दृश्य प्रभाव नहीं होता। इसलिए इस स्थिति को अस्त कहा गया है।

नव भवन निर्माण तथा गृह-प्रवेश मुहूर्त के समय कोई भी ग्रह अस्त नही होना चाहिए। आचार्यों के मतानुसार सुर्य अस्त हो तो मृत्यु तुल्य कष्ट। चन्द्र अस्त होने पर स्त्री को कष्ट। मंगल अस्त हो तो पराक्रम की कमी । बुध अस्त हो तो बुद्धि की कमी । गुरु अस्त हो तो सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी तथा धन-धान्य की कमी। शुक्र अस्त हो तो ऐश्वर्या तथा भौतिक सुखों की कमी। शनि अस्त हो तो निर्माण में कमी।

वास्तु शास्त्र परिचय।