ब्रह्मांड में सब चलायमान है और इसी भ्रमण मार्ग पर जब भ्रमण करते समय ग्रहों तथा नक्षत्रों के योग से विभिन्न स्थितियों का निर्माण होता है। जब कोई ग्रह नक्षत्र में भ्रमण करता हैं। तो एक नई स्थिति का निर्माण होता है। उसी प्रकार गोचर में जब सोमवार को श्रवण नक्षत्र हो तो वह योग अवधि अमृत समान होती है इस लिए इन विभिन्न वारों को इन नक्षत्रों के द्वारा भ्रमण करने पर अमृत सिद्धि योग कहा जाता हैं
जब चंद्रवार अथवा सोमवार को श्रवण नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब भोम अथवा मंगलवार को अश्वविनी नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब बुधवार को अनुराधा नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब बृहस्पतिवार अथवा गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब शुक्रवार को रेवती नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब शनिवार को रोहिणी नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
जब रविवार को हस्त नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग कि स्थिति बनती है ।
शास्त्रों में अमृत सिद्धि योग में तपस्या तथा पुरूषार्थ के कार्यो को करने के लिए कहा गया ।
सोमश्रवण, भौमाऽश्विनि, बुधानुराधा, गुरुपुष्यामृत, शुक्ररेवति, शनिरोहिणी, रवि हस्त।
ज्योतिष शास्त्र में इस समयावधि को अमृत कहा गया है।
यह अमृत अवधि एक मुहूर्त का निर्माण करती है। और इस अवधि में किए गए कार्य से सिद्धि प्राप्त होती है इस मुहूर्त का चयन तंत्र विद्या अथवा आयुर्वेद में औषधि निर्माण के लिए किया जाता है।
विक्रम संवत 2082 में पढ़ने वाले सभी अमृत योगो की सारणी।
अप्रैल माह में आने वाले अमृत सिद्धि योग।
- १६।४1 6-4-2025 को बुधानुराधा। प्रातः 6 :10 से 29:48 तक ( प्रातः 5 बजकर 48 मीनट )
- २१।४ 21-4-2025 सोमश्रवण। दोपहर १२/४० से ३०/०० 12 : 40 से 30:00 तक ( प्रातः 6 बजे )
मई माह में आने वाले अमृत सिद्धि योग।
- १४। ५ 14 -5 2025 बुधानुराधा। प्रातः ५/४५ से ११/४३ 5 : 45 से 11 : 43 तक
- १९। ५ 19-5-2025 सोमश्रवण। प्रातः ५/४३ से १९/३० 5 : 43 से 19 : 30 तक ( सांयकाल 7 बजकर 30 मीनट )
- २३। ५ 23-5-2025 शुक्ररेवति। सांयकाल १६/०३ से २९/४१ 16 : 3 से 29 : 41 ( प्रातः 5 बजकर 41 मीनट )
जून माह में आने वाले अमृत सिद्धि योग।
- २०/०६ 20-6-2025 शुक्ररेवति। प्रातः ५/३९ से २१/४६ 5 : 39 से 29 : 46 ( प्रातः 5 बजकर 46 मीनट )
जुलाई
- २४। ७ 24-7-2025 गुरुपुष्यामृत। सांयकाल १६/४२ से २९/५३ 16 :42 से 29 : 53 ( प्रातः 5 बजकर 53 मीनट )
अगस्त
- १६। ८ 16 -7-2025 शनिरोहिणी रात्रि २८।३६ से ३०/०५ 28 : 36 से 30 : 5 ( प्रातः 6 बजकर 5 मीनट )
- २१। ८ 21-8-2025 गुरुपुष्यामृत। प्रातः ६।०७ से २४/०६ 6 : 7 से 24 : 6 तक ( रात्रि 12 बजकर 6 मीनट )
सितंबर
- १३। ९ 13-9-2025 शनिरोहिणी। १०/०९ से ३०/१९ सुबह 10 : 9 से 30 : 19 तक ( प्रातः 6 बजकर 19 मीनट )
- १८।९। 18-9-2025 गुरुपुष्यामृत। ६।२० से ६।२८ प्रातः 6 : 20 से 6 : 28 तक
अक्टूबर
- ७/१० 7-10-2025 भौमाऽश्विनि। २५।२८ से ३०/३० रात्रि 24: 28 से 30 :30 तक ( प्रातः 6 बजकर 30 मीनट )
- ११/१० 19-10-2025 शनिरोहिणी। ६।३२ से १५/१८ प्रातः 6 : 32 से 15 : 18 तक ( दोपहर 3 बजकर 18 मीनट )
- १९/१० 19-10-2025 रविहस्त। १७/५१ से ३०/३७ सांयकाल 17 : 53 से 30 : 35 तक ( प्रातः 6 बजकर 35 मीनट )
नवंबर
- ४/११ 4-11-2025 भौमाऽश्विनि। १२।३५ से ३०/४८ दोपहर 12: 35 से 30 : 48 तक ( प्रातः 6 बजकर 48 मीनट )
- १६/११ 16-11-2025 रविहस्त ६।५६ से २६/११ प्रातः 6: 56 से 26 : 11 तक ( रात्रि 2 बजकर 11 मीनट )
दिसंबर
- २।१२ 2-12-2025 भौमाऽश्विनि ७/०९। से २०। ५२ प्रातः 7 : 9 से 20 50 तक ( रात्रि 8 बजकर 50 मीनट )
- १४।१२ 14-12-2025 रविहस्त। ७/१७ से ८।१६ प्रातः 7: 17 से 8: 16 तक
- १७/१२ 17-12-2025 बुधानुराधा १७/११ से ३१/१९ सांयकाल 17 11 से 31 19 ( प्रातः 7 बजकर 19 मीनट )
- २२।१२ 22–12 2025 सोमश्रवण २९।२९ से ३१।२२ प्रातः 29 : 29 से 31 : 22 ( प्रातः 7 बजकर 19 मीनट )
जनवरी 2026
- १४। १ 14-1-2026 बुधानुराधा ७/२७ से २७/०४ प्रातः 7 27 से 27 4 तक ( मध्यरात्रीप्रातः 3 बजकर 4 मीनट )
- १९। १ 19-1-2026 सोमश्रवण। ११/४९ से ३१/२६ दोपहर 11 49 से 31 26 तक ( प्रातः 7 बजकर 26 मीनट )
फरवरी 2026
- ११। २ 11-2-2026 बुधानुराधा। ७/१५ से १०/५२ प्रातः 7 15 से 10 52 तक
- १६। २ 16 -2-2026 सोमश्रवण। ७/११ से २०/४४ प्रातः 7 11 से 20 44 ( रात्रि 8 बजकर 44 मीनट )
- २०० २ 20-2-2026 शुक्ररेवति। २०/०८ से ३१/०६ रात्रि 20 8। से 31 6 ( प्रातः 7 बजकर 6 मीनट )