लड़की को रोकने के मुहूर्त का प्रयोजन जब लड़का-लड़की एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं और शादी कुछ समय के बाद में कि जाती है तो दोनो पक्षों के मध्य रिश्ता पक्का करने के लिए यह संस्कार किया जाता है।
शुभ नक्षत्र:- अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, मघा,उत्तरा-फाल्गुनी, हस्त,चित्रा, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा , श्रवण, घनिष्ठा, उत्तरा-भाद्रपद, रेवती।
तिथि विचार:– शुक्ल पक्ष मे पंचमी के बाद कि तिथियां तथा कृष्ण पक्ष में दसवीं तिथि से पहले की तिथि। रिक्ता तिथि (4,9,14)ओर अमावस्या वर्जित हैं। इसके अलावा विशेष श्राद्ध तिथि ,माता पिता कि मृत्यु तिथि । दुसरी शादी हो रही है तो पहली पत्नी कि मृत्यु तिथि। क्षय तिथि, वृद्धि तिथि,तिथि गण्डात :- (नंदा संज्ञक तिथियों कि शुरुआत कि एक घड़ी ओर पुर्ण संज्ञक तिथियों कि अंत कि एक घड़ी। ) दग्धा तिथि।
शुभ वार :- रविवार, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार शुक्रवार, शनिवार।
शुभ लग्न :- स्थिर लग्न
इनमे से मुहूर्त देखते समय पंचश्लाका बेध का ध्यान रखें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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