नए आभूषण बनवाने के मुहूर्त का प्रयोजन है कि उचित समय पर आभूषण का निर्माण करवाना।
प्राचीन काल से भारत भूमि पर आभूषण बनाने का प्रचलन रहा है और इसके लिए समय भी निर्धारित किया हुए हैं और उन्हीं विशेष नक्षत्रों के निर्धारित समय अनुसार मुहूर्त निश्चित किए गए हैं। आभूषण निर्माण के लिए नक्षत्रों को विशेष माना जाता है।
शुभ नक्षत्र :- अश्वनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु,पुष्य, हस्त,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, रेवती।
शुभ वार:- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार।
शुभ तिथि:- रिक्ता तिथि (4,9,14),अमावस्या, श्राद्ध, होलाष्ट, क्षय तिथि।
श्राद्ध में दान के लिए श्राद्ध में भी बनवा सकते हैं।
रत्न जड़ित आभूषण मिश्रित नक्षत्र मे बनवा सकते हैं।
इनके अलावा उचित चंद्रमा कि स्थिति में त्रिपुष्कर योग में भी आभूषण बनवाना शुभ होता है ।
मुहूर्त निकलवाने के लिए नामाकन करे-