श्री गुरुचरणकमलेभ्यो नमः गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
इस ब्रह्माण्ड में जीवन कि शुरुआत बिग बैंग कि घटना से शुरू होती है।
यह घटना किसी तारे के जीवन काल के अंतिम पड़ाव में होने वाली विस्फोट क्रिया को कहा गया है।इस घटना में बड़ा विस्फोट होता है तारे में इंधन के रूप में जलने वाली गैसों में लगातार जलने से एक बड़ा विस्फोट होता है जिसका वर्ग क्षेत्रफल लाखों किलोमीटर का होता है और इस घटना में अग्नि के बड़े-बड़े पिंड ब्रहमांड में फैल जाते हैं और अपनी अपनी कक्षाओं में अपनी धुरी पर अपनी उर्जा के प्रभाव से परिक्रमा लगाने लगते हैं। इसी प्रकार अन्य पिंड छोटे बड़े आकार के अपनी कक्षाओं में व्यवस्थित रूप से भ्रमण करते है । इस अवस्था में जिन पिंडों में अग्नि बनी रहती है वह वह परिक्रमा लगाता रहता है जिसमें अग्नि शांत हो चुकी हो जाती है वह उल्का पिंड के रूप में अनियंत्रित होकर अपनी कक्षा से बाहर हो जाता है।