यात्रा मे स्वर विचार-

  • बाई स्वर चले तो चंद्र स्वर।
  • दाई स्वर चले तो सूर्य स्वर।
  • दोनों स्वर चलें तो मध्यम स्वर।
  • यात्रा हमेशा दायी स्वर में ही करनी चाहिए यह यात्रा शुभ फलदाई होती है ।
  • बाई स्वर की यात्रा अशुभ फलदाई होती है ।
  • दोनों स्वर चले तो सभी कार्यों के लिए वर्जित कहे गये है। कौशिश करें यात्रा कि शुरुआत के समय दाई स्वर ही चले।
  • आचार्यों के मतानुसार जो स्वर चल रहा है वही पांव आगे बढ़ाये घर से बाहर निकलते समय।

यात्रा मे होरा विचार।