यात्रा में लग्न विचार।
यात्रा में सर्वदा स्थिर लग्न निषेध होता है। चर या द्विस्वभाव लग्न में यात्रा करनी चाहिए ।कुंभ लग्न या कुंभ लग्न के नवांंश मे यात्रा में सर्वदा वर्जित होता है ।
मीन लग्न में यात्रा अति दुखदाई होती है ।
यात्रा काल में केंद्र (1,4,7,10) तथा त्रिकोण (1,5,9) में शुभ ग्रह शुभ फलदायी होते हैं ।
3,11 ,610 स्थानों में पाप ग्रह अशुभ होते हैं।
1,12,6,8 भावो मे चंद्रमा शुभ नहीं होता।
दशम स्थान में शनि सप्तम स्थान में शुक्र तथा 9,12,6,8 में लग्नेश यह सब ग्रह शुभ नहीं होते।