यात्रा में प्रहर के अनुसार विचार।
उषाकाल में पूर्व दिशा कि यात्रा नहीं करना चाहिए।
अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
गोधूलि समय में पश्चिम दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए।
अर्धरात्रि के समय उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
दिन के प्रहर :-
रविवार के दिन चौथा ,पांचवा प्रहर।
सोमवार के दिन दूसरा, सातवा प्रहर।
मंगलवार के दिन दूसरा ,छटा प्रहर।
बुधवार के दिन तीसरा, पांचवा प्रहर।
गुरुवार के दिन सातवा, आठवा प्रहर।
शुक्रवार के दिन तीसरा ,चौथा प्रहर।
शनिवार के दिन पहला , छठा और आठवां प्रहर ।
इन सभी वारो मे इन प्रहरो के प्रथम अर्ध प्रहर यात्रा तथा अन्य शुभ कर्मों में वर्जित होते हैं।
रात्रि के वर्जित पहर :-
रविवार की रात्रि में छठा और चौथा प्रहर ।
सोमवार की रात्रि में सातवां और चौथा प्रहर।
मंगलवार की रात्रि में दूसरा प्रहर।
बुधवार की रात्रि में तीसरा प्रहर।
बृहस्पतिवार की रात्रि में पांचवा और आठवां प्रहर।
शुक्रवार की रात्रि में तीसरा प्रहर ।
शनिवार की रात्रि में पहला, आठवां और छठा प्रहर ।
इन सभी वारो मे इन प्रहरो के प्रथम अर्ध प्रहर यात्रा तथा अन्य सभी कर्मों में वर्जित होते हैं।