योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा मुहूर्तका प्रयोजन है कि जीवन को निरोगी रखने तथा किसी रोंग से निवृत्त होने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति तथा योगाभ्यास का अभ्यास किया जाता है
इसकी शुरूआत करने के लिए नक्षत्रों के अनुसार उचित मूहूर्त का चुनाव किया गया है। वे सभी नियम और निर्देश नीचे लिखीं जानकारी में दिए गए हैं। मुहूर्त के अनुसार कार्य कि शुरुआत करने से कार्य में सफलता के गुण बढ़ जाते हैं।
योग, प्राकृतिक चिकित्सा,कुंजलनेति,पंचकर्म का अभ्यास शुरू करने का मुहूर्त।
चंद्रमा विचार:- स्वयं कि राशि से चंद्रमा चौथा छठा आठवां बारहवां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र:- अश्वनी ,रोहिणी, मृगशिरा,पुष्य, हस्त चित्रा, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, श्रवण।
वार विचार:- मंगलवार निषेध हैं।
तिथि विचार:- चतुर्थी नवमी चतुर्दशी तिथि निषेध हैं, श्राद्ध पक्ष होलाष्ठ निषेध है।
वैसे तो इन कर्मों में शुक्ल पक्ष ही श्रेष्ठ रहता है ज्यादा जरूरत हो तो चंद्रमा प्रभावित तिथियों का ही ग्रहण करें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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