गृह प्रवेश मुहूर्त का प्रयोजन है जब भवन पुरी तरह से बनकर तैयार हो जाता है तो उसमें रहने के लिए पहले अपने इष्ट देव, ग्राम देव अपने पूर्वजों तथा वास्तु देवता का आहवान करके उनका आशीर्वाद लेकर घर में प्रवेश किया जाता है।
जब तक घर का निमाण कार्य पूरी तरह से पूरा ना हो तब तक प्रवेश नहीं करना चाहिए । घर में प्रवेश करने से पहले अपनी क्षमता के अनुसार प्रसाद का वितरण जरूर करे प्रसाद का वितरण अपने घर पर बैठकर ही करे इससे भूमि को भोग लगता है। इस दिन घर पर आए सभी से आशीर्वाद ग्रहण करें।
इस दिन घर कि महिला अपने पुराने घर से पानी का मटका लेकर नये घर में लाने का प्रावधान है। गृह प्रवेश के समय मुख्य महिला को मासिक धर्म नहीं होना चाहिए।
अगर इसी दिन हवन का आयोजन है तो अग्नि का वास जरूर देखें। गृह-प्रवेश मुहूर्त में इन सभी स्थितियों पर विचार किया जाता है।
क्षेत्रीय परम्पराओं में अधिकतर बदलाव देखने को मिलते हैं भवन निर्माण पुरा होने से पहले ही घर में प्रवेश कर लेते हैं यह अनिष्टकारी होता है। पुरी तरह से निर्माण होने पर ही घर में प्रवेश करें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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