तिल कि धानी निकालने के मुहूर्त का प्रयोजन तिल की फसल कटने के बाद उससे तिलों को अलग किया जाता है इसके लिए उचित समय का चुनाव करने के लिए मुहूर्त का प्रावधान है।
घर के मुखिया अथवा कार्य करने वाले का चंद्रमा विचार किया जाता है
शुभ तिथि:- रिक्ता(४,९,१४)अमावस्या को छोड़कर सभी तिथि शुभ हैं।
चर लग्न शुभ फल दायी हैं।
शुभ वार:- सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार रविवार।
वर्जित वार:- मंगलवार, शनिवार निषेध हैं।
लग्नशुद्धि, चंद्रमा शुद्धि परम आवश्यक है।
- तिल धानी मुहूर्त चक्र।
- त्रिक शुद्धि परम आवश्यक है।
- सूर्य नक्षत्र से गिनकर 3-3 नक्षत्रों के नक्षत्रों के त्रिक बनाएं ।पहले त्रिक में हानि।
- दूसरे त्रिक में ऐश्वर्य ।
- तीसरे त्रिक में आरोग्य ।
- चौथे त्रिक में सामग्री नाश।
- पांचवें त्रिक में द्रव्य लाभ।
- छठे त्रिक में स्वामी घात।
- सातवें त्रिक में निर्धनता ।
- आठवीं त्रिक में मृत्यु ।
- नोवें त्रिक में सुख ।
- जिस त्रिक का नक्षत्र शुभ फल दायी हो उसमे करें।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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