खलिहान मुहूर्त तथा फसल इकट्ठा करने के मुहूर्त का प्रयोजन फसलों कि कटाई के बाद एक जगह इकट्ठा किया जाता है इसके लिए उचित समय तथा उचित स्थान का चयन किया जाता है।
इसके लिए सभी आवश्यक जानकारियां हमारे ऋषि-मुनियों ने लिखी हुई है वहीं सब जानकारियों को नीचे लिखा गया है इन नियमों का पालन करके आप भी लाभान्वित हो सकते हैं।
शुभ मुहूर्त
चंद्रमा विचार:- ४,६,८,१२वां नहीं होना चाहिए।
शुभ नक्षत्र:- उत्तराफाल्गुनी,पुर्वाफाल्गुनी,उत्तराषाढा,पुर्वाषाढ़, उत्तराभाद्रपदा, पुर्वाभाद्रपदा,मघा,आश्लेषा, ज्येष्ठा, आर्द्रा,श्रवण , घनिष्ठा, भरणी, कृतिका,मूल ,मृगशिरा,पुष्य,हस्त चित्रा ,स्वाति ।
शुभवार:- रविवार ,सोमवार, बुधवार ,बृहस्पतिवार ,शुक्रवार।
शुभ तिथि:- ४,९,१४ तथा अमावस्या को छोड़कर सभी तिथियां शुभ मानी गई हैं।
- खलिहान बनाते समय उचित स्थान पर विचार करें ।
- खेत कि जगह मे ग्राम के निकट होना चाहिए।
- शमशान से दूर होना चाहिए।
- दूषित स्थान पर नहीं होना चाहिए।
- मार्ग पर नहीं होना चाहिए।
- बांझ भूमि पर खलियान नहीं बनाना चाहिए।
- नीचे तल वाली भूमि पर खलियान नहीं बनाना चाहिए।
- यह साफ तथा अच्छी भूमि का चयन करें इसे बनाने के लिए।
इस मुहूर्त से संबंधित सभी जानकारियां यहां पर दी गई है इसके अलावा अगर आप मुहूर्त दिखवाना चाहते है तो नीचे दिए गए फार्म भरे। यह सुविधा सशुल्क हैं।
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